नीतीश के बीस साल बाद: क्या अब बिहार बदलेगा अपनी चाल?
6 नवम्बर 2025 को बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में मतदान होने जा रहा है। इस बार दांव बहुत बड़ा है। इसमें कोई दो राय नहीं कि नीतीश कुमार के दो दशकों के शासनकाल में बिहार ने आधारभूत ढांचे और सुशासन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। लेकिन असली चुनौती अब यह है कि इन उपलब्धियों को किस प्रकार गुणवत्तापूर्ण रोजगार, बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं और तीव्र मानव विकास में बदला जाए। अगर बिहार को विकास के नए पायदान पर पहुंचना है, तो आने वाली सरकार को “इनपुट” की जगह “आउटकम” पर ध्यान केंद्रित करना होगा — वरना एक और मौका हाथ से निकल जाएगा।
मंच तैयार है — लेकिन उड़ान अभी बाकी
यह सच है कि बिहार ने प्रगति की है। राज्य की विकास दर में सुधार हुआ है, सड़कों का जाल बिछा है, गांव-गांव बिजली पहुंची है और निवेशकों की रुचि भी बढ़ी है। परंतु यह सब बहुत ही निम्न स्तर से शुरू हुआ है। नीति आयोग के एसडीजी इंडिया इ...




