Thursday, December 11

पाकिस्तान–अफगान तालिबान तनाव गहराया: सऊदी अरब में बातचीत विफल, जंग का खतरा बढ़ा

इस्लामाबाद/काबुल: पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम करने की कोशिशें एक बार फिर नाकाम साबित हुई हैं। सऊदी अरब में दोनों पक्षों के बीच हुई बातचीत बिना किसी नतीजे के टूट गई, जिससे सीमा पर फिर से संघर्ष भड़कने की आशंका गहरा गई है। इससे पहले तुर्की के इस्तांबुल में भी दो दौर की बैठकें किसी समझौते तक नहीं पहुंच सकी थीं।

सूत्रों के अनुसार, तालिबान का प्रतिनिधिमंडल सऊदी अरब में हुई वार्ता में शामिल हुआ था। इस डेलीगेशन में तालिबान के उप गृहमंत्री रहमतुल्लाह नजीब, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुल कहर बल्खी और वरिष्ठ नेता अनस हक्कानी शामिल थे। सऊदी अरब ने दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति बहाल करने के लिए मध्यस्थता की इच्छा जताई थी, लेकिन वार्ता का टूटना स्थिति को और चिंताजनक बना रहा है।

इस्तांबुल की वार्ता भी रही थी बेनतीजा

कतर और तुर्की की मध्यस्थता में पहले दोहा और बाद में इस्तांबुल में कुल तीन दौर की बातचीत हुई थी। शुरुआती बैठक में युद्धविराम पर सहमति जरूर बनी थी, लेकिन इसके बाद के दौर किसी नतीजे तक नहीं पहुंचे। पाकिस्तान और तालिबान दोनों ने इस असफलता को सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था और केवल मौजूदा युद्धविराम बढ़ाने पर सहमति बनी थी।

जंग की आहट तेज

अक्टूबर में दोनों देशों के बीच सीमा पर हिंसक झड़पों के बाद तनाव लगातार बढ़ता रहा है। हाल ही में अफगानिस्तान में हुई एयरस्ट्राइक को लेकर तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर सीधा आरोप लगाया है और ‘बदला लेने’ की चेतावनी दी है। सऊदी अरब में हुई भविष्य-निर्धारक वार्ता के नतीजे न आने के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि हालात अब युद्ध की ओर बढ़ सकते हैं।

पाकिस्तान और अफगान तालिबान के रिश्तों में बिगाड़ का यह सबसे गंभीर दौर माना जा रहा है। क्षेत्रीय स्थिरता और सुरक्षा के लिए दोनों देशों के बीच संवाद का जारी रहना बेहद जरूरी है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों ने भविष्य को लेकर गंभीर चिंता पैदा कर दी है।

Leave a Reply