Friday, December 12

Bihar

रोहिणी आचार्य मामले पर मांझी का हमला: लालू को शर्म आनी चाहिए, तेजस्वी के ‘घिनौने अपराध’ का समर्थन कर रहे
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रोहिणी आचार्य मामले पर मांझी का हमला: लालू को शर्म आनी चाहिए, तेजस्वी के ‘घिनौने अपराध’ का समर्थन कर रहे

पटना: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के परिवार में चल रहे विवाद पर टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि यह लालू परिवार का आंतरिक मामला है, लेकिन रोहिणी आचार्य द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों पर संबंधित लोगों को शर्मिंदा होना चाहिए। मांझी ने RJD पर साधा निशाना मीडिया से बातचीत में मांझी ने कहा, “जहां तक विधायक दल का नेता चुनने की बात है, यह 5-10 लोगों का निर्णय है। लेकिन यह सच है कि लालू जी तेजस्वी का समर्थन कर रहे हैं। हालांकि, तेजस्वी ने एक 'घिनौना अपराध' किया है। जिस तरह रोहिणी आचार्य ने चीजों को उजागर किया, इन लोगों को शर्म आनी चाहिए।” उन्होंने आगे कहा, “अब RJD की गलत हरकतें उनके अपने घर में उजागर हो रही हैं। दुनिया समझेगी कि उनका पतन का समय आ गया है। फिर भी वे जिद्दी हैं। हम पहले ही कह रहे थे कि उनकी बड़ी-बड़ी नौकरियों की बात सिर्फ बड़बड़ा...
पापा! बिहार चुनाव में जीत की बधाई… बेटे के गले लगते ही खिल उठे नीतीश कुमार के चेहरे
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पापा! बिहार चुनाव में जीत की बधाई… बेटे के गले लगते ही खिल उठे नीतीश कुमार के चेहरे

पटना:बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद राजधानी पटना में जश्न का माहौल है। बीजेपी-जेडीयू गठबंधन के नेताओं द्वारा लगातार बधाइयों का सिलसिला जारी है। इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके बेटे निशांत कुमार की एक दिल छू लेने वाली तस्वीर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है, जिसने चुनावी हलचल के बीच एक भावनात्मक पल को सामने ला दिया है। जीत की बधाई देने पिता के गले लगे निशांत राजनीति से हमेशा दूरी बनाए रखने वाले निशांत कुमार सोमवार को खुद अपने पिता से मिले और बिहार की जनता द्वारा दिए गए जनादेश पर उन्हें बधाई दी। जैसे ही निशांत ने अपने पिता को गले लगाया, नीतीश कुमार के चेहरे पर मुस्कान खिल उठी। दोनों की यह तस्वीर लोगों का दिल जीत रही है। एक ही रंग के कपड़ों में दिखे पिता-पुत्र तस्वीर में नीतीश कुमार और निशांत लगभग एक जैसे परिधानों में नजर आए। नीतीश कुमार सफेद क...
‘बिहार के लिए वरदान हैं नीतीश कुमार, जब तक जिएंगे CM रहेंगे’—NDA की जीत के बाद फिर चर्चा में आया खान सर का पुराना इंटरव्यू
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‘बिहार के लिए वरदान हैं नीतीश कुमार, जब तक जिएंगे CM रहेंगे’—NDA की जीत के बाद फिर चर्चा में आया खान सर का पुराना इंटरव्यू

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में एनडीए को मिली ऐतिहासिक जीत के बाद एक बार फिर मशहूर कोचिंग टीचर खान सर का पुराना इंटरव्यू सुर्खियों में है। इस इंटरव्यू में उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के योगदान, कार्यशैली और उनकी राजनीतिक भूमिका की खुलकर सराहना की थी। एनडीए को चुनाव में 202 सीटें मिलने के बाद यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है। ‘नीतीश कुमार बिहार के लिए वरदान’खान सर ने एएनआई से बातचीत में कहा था कि “नीतीश कुमार बिहार के लिए हमेशा वरदान रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य ठीक न रहने की वजह से कई बार फैसले कोई और लेता दिखता है। मज़ेदार अंदाज में उन्होंने कहा, “आईफोन के डिब्बे में अगर नोकिया पकड़ाएंगे, तो कोई भी समझ जाएगा कि कुछ गड़बड़ है।” विकास कार्यों की तारीफखान सर ने इंटरव्यू में नीतीश कुमार के विकास कार्यों का विशेष उल्लेख किया था। उन्होंने कहा कि न...
पति की मौत के कुछ देर बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम: मुजफ्फरपुर में साथ उठी दोनों की अर्थी, गांव में मातम
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पति की मौत के कुछ देर बाद पत्नी ने भी तोड़ा दम: मुजफ्फरपुर में साथ उठी दोनों की अर्थी, गांव में मातम

मुजफ्फरपुर, कटरा प्रखंड: प्रेम और साथ निभाने की मिसाल पेश करते हुए मुजफ्फरपुर जिले के खंगूरा डीह पंचायत (वार्ड 10) में एक हृदयविदारक घटना सामने आई। पति की मौत के कुछ ही देर बाद उनकी पत्नी ने भी दम तोड़ दिया। जब दोनों की अर्थी एक साथ उठी तो पूरा गांव आंसुओं से भर उठा। पहले पति की मौत, फिर सदमे में पत्नी भी चल बसीस्थानीय ग्रामीणों के अनुसार गांव के निवासी महेंद्र शर्मा की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजन कुछ समझ पाते उससे पहले ही उनकी घर पर मौत हो गई। इस सदमे से उनकी पत्नी पूरी तरह टूट गईं। वे बार-बार बेहोश हो रही थीं और पति के शव से लिपटकर रोती जा रही थीं।कुछ मिनट बाद उनकी भी तबीयत बिगड़ी और बेसुध होकर गिर पड़ीं। परिजन उन्हें अस्पताल ले जाने ही वाले थे कि उन्होंने भी अंतिम सांस ले ली। प्रेम और वियोग की अनोखी मिसालपति-पत्नी की लगभग एक साथ हुई मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया। ग्रामीण बताते है...
नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ ‘डिप्टी सीएम कौन’ का खेल, दौड़ में ये बड़े नाम
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नीतीश कुमार के इस्तीफे के बाद शुरू हुआ ‘डिप्टी सीएम कौन’ का खेल, दौड़ में ये बड़े नाम

पटना, 18 नवम्बर। बिहार की राजनीति में सोमवार को बड़ा मोड़ आया, जब कैबिनेट बैठक के तुरंत बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके इस कदम के साथ ही राज्य में सबसे बड़ा सवाल खड़ा हो गया है—अब बिहार का नया उप मुख्यमंत्री कौन बनेगा? बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA को 200 से अधिक सीटें मिलीं, जिससे मुख्यमंत्री पद पर किसी बदलाव की कोई संभावना नहीं रही। अब पूरा ध्यान उप मुख्यमंत्री पद पर केंद्रित है, जिसके लिए एनडीए जातीय संतुलन और महिला नेतृत्व का संयुक्त कार्ड खेलने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा और जदयू मिलकर ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो महिला + सवर्ण या महिला + पिछड़ा/अति पिछड़ा का संयुक्त समीकरण बैठा सके। महिला चेहरे में कौन सबसे आगे? 1. श्रेयसी सिंह (सवर्ण + महिला कार्ड) भाजपा के भीतर सबसे मजबूत चर्चा जमुई की विधायक और अंतरराष्ट्रीय शूटर श्रे...
25 से 30 नीतीश, तो फिर आगे कौन? बिहार की सियासत में ‘विरासत’ की नई चुनौती—NDA से महागठबंधन तक उलझे समीकरण
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25 से 30 नीतीश, तो फिर आगे कौन? बिहार की सियासत में ‘विरासत’ की नई चुनौती—NDA से महागठबंधन तक उलझे समीकरण

नई दिल्ली:बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA ने रिकॉर्ड बहुमत हासिल कर इतिहास रच दिया। बीजेपी–जेडीयू गठबंधन की इस बंपर जीत ने जहां सत्ता की वापसी सुनिश्चित की, वहीं भीतर ही भीतर नए सवाल भी जन्म दे दिए हैं। खास तौर पर—नीतीश कुमार के बाद बिहार की राजनीति किस दिशा में जाएगी? इसी तरह महागठबंधन की हार ने विपक्षी खेमे में भी नई चुनौती खड़ी कर दी है—विपक्षी स्पेस का असली वारिस कौन? नीतीश कुमार का अगला कार्यकाल और विरासत का सवाल नीतीश कुमार 75 वर्ष के हो चुके हैं। राजनीतिक हलकों में यह सामान्य धारणा बन चुकी है कि यह उनका आखिरी चुनाव हो सकता है। NDA की जीत का बड़ा श्रेय उन्हें मिला जरूर है, लेकिन इसका दूसरा पहलू यह है कि जेडीयू में उनके बाद नेतृत्व का स्पष्ट विकल्प दिखाई नहीं देता। चुनाव से पहले उनके बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाने की चर्चाएं जरूर उठीं, पर वे अभी भी सक्रिय राजनीति ...
बिहार चुनाव में गोभी पोस्ट पर बवाल: भागलपुर हिंसा से जुड़ा विवाद
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बिहार चुनाव में गोभी पोस्ट पर बवाल: भागलपुर हिंसा से जुड़ा विवाद

पटना।बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की 202 सीटों की बंपर जीत के बाद, असम के स्वास्थ्य मंत्री अशोक सिंघल के एक सोशल मीडिया पोस्ट ने राजनीतिक माहौल में हलचल मचा दी है। मंत्री ने बिहार चुनाव के नतीजों के बीच गोभी के खेत की तस्वीर साझा करते हुए लिखा, "बिहार अप्रूव गोभी फार्मिंग।" इस पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया और विपक्षी दलों में विवाद बढ़ गया है, क्योंकि इसे भागलपुर दंगों से जोड़कर देखा जा रहा है। अशोक सिंघल के पोस्ट पर प्रतिक्रियाएँ सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस पोस्ट को सांप्रदायिक हिंसा का संकेत मानते हुए तीखी प्रतिक्रिया दी। एक यूजर ने लिखा,"हम किस देश में जी रहे हैं! सत्ता पक्ष का मंत्री खुलेआम हिंसा का समर्थन कर रहा है।" वहीं कुछ लोगों ने इसे कृषि और चुनावी सफलता से जोड़कर देखा। एक यूजर ने कहा,"मंत्री अशोक सिंघल उस योजना का जिक्र कर रहे हैं, जिसने गोभी उत्पादकों की आय बढ़ाई और एन...
PM मोदी की भविष्यवाणी, बिहार–मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र की घटनाएं और राजनीतिक संकेत
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PM मोदी की भविष्यवाणी, बिहार–मध्यप्रदेश–महाराष्ट्र की घटनाएं और राजनीतिक संकेत

बिहार विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विजय-संबोधन में एक बड़ी राजनीतिक भविष्यवाणी की—**“बहुत जल्द राष्ट्रीय कांग्रेस दो धड़ों में बँटने वाली है।”उनका यह बयान केवल किसी राजनीतिक कटाक्ष की तरह नहीं था, बल्कि पिछले कुछ वर्षों की घटनाओं और चुनावी परिदृश्यों को देखें तो यह वक्तव्य एक गहरी रणनीति और संकेतों से भरा हुआ दिखाई देता है। **मध्यप्रदेश से शुरुआत, महाराष्ट्र तक विस्तार—क्या कांग्रेस टूट के दौर में है? देश ने देखा कि कैसे मध्यप्रदेश में कांग्रेस को भीतर से तोड़कर भाजपा ने दोबारा सत्ता हासिल की।इसके तुरंत बाद महाराष्ट्र में भी उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी को दो बड़े हिस्सों में बाँटकर सत्ता का नया समीकरण तैयार किया गया।दोनों राज्यों के उदाहरण यह सिद्ध करते हैं कि भाजपा विपक्षी दलों के अंदर छिपे असंतोष को राजनीतिक अवसर में...
“बिहार जीत गया… अब बंगाल की बारी”— बीजेपी समर्थकों के इस संदेश का असल मतलब क्या है?
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“बिहार जीत गया… अब बंगाल की बारी”— बीजेपी समर्थकों के इस संदेश का असल मतलब क्या है?

बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद सोशल मीडिया पर एक नारा तेज़ी से ट्रेंड करने लगा —“बिहार जीत लिया… अब बंगाल!”इस वाक्य ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ाई, बल्कि यह एक संकेत भी है कि बीजेपी समर्थक अब अगले बड़े राजनीतिक युद्धक्षेत्र पर नज़रें जमा चुके हैं— पश्चिम बंगाल**। लेकिन यह नारा सिर्फ उत्साह का परिणाम नहीं है, बल्कि इसके पीछे कई गहरे राजनीतिक अर्थ और रणनीतियाँ छिपी हैं। आइए समझते हैं कि आखिर “बिहार जीतकर अब बंगाल की तरफ बढ़ने” का क्या मतलब है। **1. राजनीतिक ऊर्जा और मनोवैज्ञानिक बढ़त का संकेत चुनावों में जीत केवल सीटों का खेल नहीं होती, यह मनोवैज्ञानिक बढ़त भी देती है।बिहार में सफलता ने बीजेपी समर्थकों को यह आत्मविश्वास दिया है कि पार्टी कठिन चुनावों में भी जीत का रास्ता बना सकती है।इसलिए “अब बंगाल” कहना चुनावी ऊर्जा को अगले राज्य में ट्रांसफर करने का संकेत है। ...
बिहार चुनाव में महागठबंधन का ‘सबसे छोटा खिलाड़ी’ बना बड़ा विजेता, IP गुप्ता की जीत ने बदले समीकरण
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बिहार चुनाव में महागठबंधन का ‘सबसे छोटा खिलाड़ी’ बना बड़ा विजेता, IP गुप्ता की जीत ने बदले समीकरण

बिहार विधानसभा चुनाव के ताज़ा नतीजों में जहां महागठबंधन को बड़े पैमाने पर निराशा झेलनी पड़ी, वहीं गठबंधन के सबसे छोटे सदस्य ने राजनीति के मैदान में अप्रत्याशित रूप से ‘सबसे बड़ा सितारा’ बनकर उभरने का काम किया है। इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के उम्मीदवार आई.पी. गुप्ता ने सहरसा सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज कर पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। सहरसा से 2,000 से अधिक वोटों से जीत, पहली ही कोशिश में बड़ा धमाका 55 वर्षीय इंजीनियर-से-नेता बने आई.पी. गुप्ता ने सहरसा सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को 2,000 से अधिक मतों से हराकर चुनावी राजनीति में जबरदस्त एंट्री की। महागठबंधन के हिस्से के रूप में उनकी पार्टी ने सिर्फ तीन सीटों पर चुनाव लड़ा था, और उनमें से यह एक जीत गठबंधन के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई। जब बड़े चेहरे फेल हो गए, छोटे दल ने दिखाया दम इस चुनाव में कई बड़े नाम मैदान में थे— प्रशांत किशोर...