Friday, December 12

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रोहिणी के ‘तूफान’ से फिर सुर्खियों में लालू परिवार: जानें, RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पूरा फैमिली ट्री
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रोहिणी के ‘तूफान’ से फिर सुर्खियों में लालू परिवार: जानें, RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का पूरा फैमिली ट्री

पटना। बिहार की राजनीति को परिभाषित करने वाले सबसे प्रभावशाली परिवारों में से एक—लालू प्रसाद यादव-राबड़ी देवी का परिवार—एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में है। इस बार वजह है लालू की दूसरी बेटी डॉ. रोहिणी आचार्य, जिन्होंने हाल ही में परिवार और राजनीति दोनों से दूरी बनाते हुए कई तीखे आरोप लगाए और सिंगापुर लौट गईं। राजद की चुनावी हार और परिवार के भीतर उभरे मतभेदों के बीच लोग एक बार फिर लालू यादव के विशाल परिवार को जानने के इच्छुक हैं। आइए समझते हैं RJD सुप्रीमो के पूरे परिवार का विस्तृत परिचय— 🔴 लालू परिवार: नौ बच्चों का बड़ा राजनीतिक कुनबा 1973 में लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की शादी हुई। इस दंपत्ति के सात बेटियाँ और दो बेटे हैं। हर संतान का जीवन, पेशा और राजनीतिक भूमिका उन्हें एक अलग पहचान देता है। 👩‍⚕️ 1. मीसा भारती – बड़ी बेटी, सक्रिय नेता एमबीबीएस डिग्रीधारी और राज्यसभा सा...
बिहार में तेज रफ्तार का कहर! बेतिया में बारातियों पर चढ़ी अनियंत्रित कार, 3 की मौत, 16 गंभीर घायल
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बिहार में तेज रफ्तार का कहर! बेतिया में बारातियों पर चढ़ी अनियंत्रित कार, 3 की मौत, 16 गंभीर घायल

बेतिया/प. चंपारण: पश्चिम चंपारण जिले के लौरिया थाना क्षेत्र में रविवार देर रात दर्दनाक हादसा हो गया। सिसवनिया पंचायत के बिशुनपुरवा गांव के पास एक तेज रफ्तार अनियंत्रित कार सीधे सड़क किनारे खड़े बारातियों की भीड़ में घुस गई। हादसा इतना भीषण था कि मौके पर चीख-पुकार मच गई और पूरे इलाके में अफरा-तफरी फैल गई। इस घटना में 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। तेज रफ्तार का तांडव: अचानक भीड़ में घुस गई कार प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कार काफी तेज गति से आ रही थी और नियंत्रण खोते ही सीधे बारातियों पर चढ़ गई। जोरदार टक्कर के कारण लोग इधर-उधर गिर पड़े और चीख-पुकार मच गई। स्थानीय मुखिया व ग्रामीणों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और घायलों को लौरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया। एक युवक की इलाज के दौरान मौत, दो मृतकों की पहचान बाकी अस्पताल में दुर्भाग्य...
बिहार राजनीति में भूचाल: लालू परिवार में बढ़ी दरार, तेज प्रताप के बाद अब बेटी रोहिणी ने भी तोड़ा रिश्ता
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बिहार राजनीति में भूचाल: लालू परिवार में बढ़ी दरार, तेज प्रताप के बाद अब बेटी रोहिणी ने भी तोड़ा रिश्ता

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक हलचल के साथ साथ लालू प्रसाद यादव के परिवार को भी हिला कर रख दिया है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को सिर्फ 25 सीटें मिलने के बाद पार्टी के भीतर चल रही खींचतान अब परिवार टूटने की कगार पर पहुंच चुकी है। बड़े बेटे तेज प्रताप यादव को पहले ही घर से बेदखल किया जा चुका था और अब लालू की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति और परिवार—दोनों से नाता तोड़ने की घोषणा कर नई हलचल पैदा कर दी है। रोहिणी आचार्य का बड़ा ऐलान—राजनीति और परिवार दोनों से दूरी लालू यादव की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर एक पोस्ट डालकर सनसनी मचा दी।उन्होंने लिखा—"मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं… संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था और मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।" यह बयान न सिर्फ भावनात्मक है बल्कि यह बताता...
तीन दशक बाद टूटा RJD का मुस्लिम–यादव समीकरण, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में NDA की सीटें दोगुनी — सीमांचल में ओवैसी की पार्टी ने दिखाई नई ताकत
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तीन दशक बाद टूटा RJD का मुस्लिम–यादव समीकरण, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में NDA की सीटें दोगुनी — सीमांचल में ओवैसी की पार्टी ने दिखाई नई ताकत

नई दिल्ली/पटना : बिहार की सियासत में करीब 30 वर्षों से प्रभावी माने जाने वाले आरजेडी के मुस्लिम–यादव (MY) समीकरण को इस विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा झटका लगा है। 1990 के दशक से जिस गठजोड़ पर लालू प्रसाद यादव की राजनीति टिकी रही, वह इस बार मुस्लिम बहुल सीटों पर पूरी तरह बिखरता दिखा। सीमांचल की पांच प्रमुख सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने रिकॉर्ड जीत हासिल कर आरजेडी के इस पारंपरिक वोट बैंक में गहरी सेंध लगा दी है। वहीं एनडीए ने भी मुस्लिम प्रभाव वाली सीटों पर अपनी पिछली संख्या को दोगुना कर नया राजनीतिक संकेत दिया है। सीमांचल में ओवैसी ने जमाई जोरदार पकड़ मुस्लिम आबादी 40% से अधिक वाले सीमांचल की पाँच सीटों—बैसी, जोकीहाट, बहादुरगंज, कोचाधामन और अमौर —पर एआईएमआईएम ने भारी अंतर से जीत दर्ज की है। इन सीटों पर हारने वालों में महागठबंधन और जेडीयू के प्रत्याशी भी शामिल हैं, जबकि...
बिहार चुनाव 2025 का भूचाल: आरजेडी को लगा करारा झटका, 2030 तक राज्यसभा से हो सकती है ‘गायब’!
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बिहार चुनाव 2025 का भूचाल: आरजेडी को लगा करारा झटका, 2030 तक राज्यसभा से हो सकती है ‘गायब’!

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राजनीतिक भविष्य पर गहरा सवाल खड़ा कर दिया है। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ने के बावजूद पार्टी महज़ 25 सीटों पर सिमट गई। इस करारी हार का असर न सिर्फ बिहार की सियासत में दिखेगा, बल्कि इसका ‘करंट’ 2030 तक दिल्ली के संसद भवन तक महसूस किया जा सकता है। राज्यसभा में कम होता कद, 2030 में हो सकती है ‘शून्य’ उपस्थिति वर्तमान में आरजेडी के 5 राज्यसभा सदस्य हैं, लेकिन आने वाले वर्षों में एक-एक कर सभी की सदस्यता समाप्त होती जाएगी। राजनीतिक समीकरणों के मुताबिक, वर्ष 2030 तक पार्टी की राज्यसभा में उपस्थिति खत्म होने की आशंका है। यह स्थिति तीन दशकों में पहली बार देखने को मिल सकती है, जब बिहार के सबसे प्रभावशाली दलों में से एक रही आरजेडी का उच्च सदन में कोई सदस्य न बचे। कौन-कब रिटायर हो रहे हैं? आरजेडी के वर्...
2030 में RJD की मुश्किलें बढ़ेंगी? विधानसभा हार का राज्यसभा चुनावों पर पड़ सकता है बड़ा असर
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2030 में RJD की मुश्किलें बढ़ेंगी? विधानसभा हार का राज्यसभा चुनावों पर पड़ सकता है बड़ा असर

नई दिल्ली—बिहार विधानसभा चुनाव के अप्रत्याशित नतीजों ने न केवल राज्य की राजनीति को नए सिरे से परिभाषित किया है, बल्कि आरजेडी (RJD) के लिए आने वाले वर्षों में नई चुनौतियों के संकेत भी दे दिए हैं। राज्य में कमजोर प्रदर्शन के बाद अब 2030 में होने वाले राज्यसभा चुनावों में भी पार्टी को भारी नुकसान झेलना पड़ सकता है। RJD की वर्तमान स्थिति और आने वाली चुनौतियां राज्यसभा में फिलहाल RJD के पाँच सदस्य हैं। इनमें से दो—प्रेम चंद गुप्ता और ए.डी. सिंह—अप्रैल 2026 में रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में पार्टी की संख्या और घटने की संभावना है।दूसरी तरफ बीजेपी के पाँच, जेडीयू के चार और कांग्रेस तथा आरएलएम के एक-एक सदस्य मौजूद हैं। 2025 के विधानसभा चुनाव में RJD ने 243 में से 143 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें मात्र 25 सीटों पर विजय मिली। पिछली बार जहाँ RJD 75 में से 45 सीटें जीतकर सबसे बड़ी विपक्षी...
बिहार चुनाव परिणाम के बाद पप्पू यादव पर इस्तीफे की मांग तेज, AIMIM नेता बोले— “मर्दों वाली बात है तो इस्तीफा दो”
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बिहार चुनाव परिणाम के बाद पप्पू यादव पर इस्तीफे की मांग तेज, AIMIM नेता बोले— “मर्दों वाली बात है तो इस्तीफा दो”

लखनऊ/पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों ने जहां एनडीए को दोबारा सत्ता की ओर बढ़ा दिया है, वहीं पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव पर इस्तीफे का दबाव अचानक बढ़ गया है। चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि महागठबंधन का नेतृत्व कर रही कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद कमजोर रहा—कांग्रेस सिर्फ 6 सीटों पर सिमट गई। इसी बीच, AIMIM नेता और पार्टी प्रवक्ता असीम वकार ने पप्पू यादव पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें तुरंत राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा—“पप्पू यादव खुद कहते थे कि अमौर सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जलील मस्तान जीतेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी वादा किया था कि अगर जलील मस्तान हार गए तो वो राजनीति से इस्तीफा दे देंगे। अब जब उम्मीदवार तीसरे नंबर पर आए हैं, तो पप्पू यादव मर्द हैं तो आज रात 9 बजे से पहले सांसदी से इस्तीफा दें।” अमौर सीट पर बड़ा उलटफेर सीमांचल क...
छपरा विधानसभा चुनाव 2025: खेसारी लाल यादव के लिए स्टारडम क्यों नहीं आया काम? जानिए हार की वजहें
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छपरा विधानसभा चुनाव 2025: खेसारी लाल यादव के लिए स्टारडम क्यों नहीं आया काम? जानिए हार की वजहें

छपरा: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आ चुके हैं, और एक सीट पर खास चर्चा हो रही है—छपरा विधानसभा। यहां भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (शत्रुघ्न यादव) राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के टिकट पर चुनाव मैदान में थे। हालांकि उनकी जीत को पहले से तय माना जा रहा था, लेकिन उन्होंने भा.ज.पा. के उम्मीदवार छोटी कुमारी से हार का सामना किया। यह हार कई मायनों में चौंकाने वाली रही और अब सियासी हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि ऐसा क्या हुआ कि एक स्टार प्रचारक को यह हार झेलनी पड़ी। चुनावी बयानों से बनी परेशानीमाना जा रहा है कि खेसारी लाल यादव के कुछ विवादास्पद बयानों ने उनके पक्ष में बने माहौल को खराब कर दिया। इन बयानों की वजह से ही चुनावी हवा भा.ज.पा. की ओर मुड़ गई। राम मंदिर पर बयान बैकफायर कर गया?खेसारी ने चुनाव प्रचार के दौरान राम मंदिर को लेकर यह बयान दिया था, "राम मंदिर में पढ़कर कोई मास्टर बनेगा क...
एनडीए की जीत के बाद नई सरकार की रूपरेखा, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से मुलाकात में क्या कहा?
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एनडीए की जीत के बाद नई सरकार की रूपरेखा, चिराग पासवान ने नीतीश कुमार से मुलाकात में क्या कहा?

पटना: केंद्रीय मंत्री और LJP (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने शनिवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने एनडीए (नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस) की विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत पर एक-दूसरे को बधाई दी और भविष्य में बनने वाली गठबंधन सरकार की रूपरेखा पर भी विस्तृत चर्चा की। चिराग पासवान ने नीतीश कुमार की सराहना कीचिराग पासवान ने इस मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा, “मुझे गर्व है कि रामविलास पासवान जी द्वारा बनाई गई पार्टी आज उस मुकाम पर पहुंची है, जिसकी परिकल्पना उन्होंने की थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए के सभी घटक दलों की भूमिका को सराहा है, जो हमें अपनी मेहनत के फल के रूप में सफलता मिली।” चिराग ने नीतीश कुमार के नेतृत्व की खुले तौर पर सराहना करते हुए कहा कि बिहार चुनाव में सीटों के बंटवारे और दलों के बीच सहयोग ने एनडीए को ब...
बिहार चुनाव 2025: वामपंथी दलों को झटका, 33 में से केवल 3 सीटें मिलीं; तालमेल की कमी या विश्वसनीयता का संकट?
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बिहार चुनाव 2025: वामपंथी दलों को झटका, 33 में से केवल 3 सीटें मिलीं; तालमेल की कमी या विश्वसनीयता का संकट?

पटना, 15 नवम्बर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में वामपंथी दलों को करारा झटका लगा है। तीन दलों वाले वामपंथी गठबंधन ने इस बार 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसमें से केवल तीन सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई। इनमें से दो सीटें भाकपा (माले) को और एक सीट माकपा को मिली है, जबकि भाकपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। वाम दलों के प्रदर्शन में गिरावट 2020 में वामपंथी दलों ने महागठबंधन के तहत 29 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें भाकपा (माले) को 12, भाकपा और माकपा को 2-2 सीटें मिली थीं। लेकिन 2025 के चुनाव में वाम दलों का प्रदर्शन उम्मीद से काफी नीचे गिरा। अब यह संख्या सिर्फ तीन सीटों तक सिमट गई है। हालांकि, भाकपा (माले) के संदीप सौरभ (पालीगंज) और अरुण सिंह (काराकाट) अपनी सीटें बचाने में सफल रहे, वहीं माकपा के अजय कुमार (विभूतिपुर) ने भी अपनी सीट बरकरार रखी। सीटों का नुकसान और तालमेल की कमी वामपं...